कारागार में आसाराम

आसाराम बापू-- कारागार में या सुधार गृह में?

आज जोधपुर कोर्ट ने एक और अहम् निर्णय दिया। आसाराम बापू को नाबालिग के बलात्कार के अपराध में दोषी करार दिया। ऊपरी तौर पर देखा जाए तो एक दृष्टि से निर्णय बहुत अधिक महत्व नहीं रखता, कि आसाराम पिछले कई वर्षों से लगातार हिरासत में ही थे। लेकिन अनेक अन्य दृष्टियों से यह निर्णय बहुत अधिक महत्वपूर्ण साबित होता है।

हमारे यहाँ कारागार यानी जेल (Prison) को सुधार-गृह का नाम दिया गया है। माना जाता है कि कारागार दंड देने का स्थान नहीं, यातनाएँ देने की जगह नहीं, बल्कि दोषी को सुधारने का स्थान है। हम तो यह भी मानते हैं कि पाप से नफ़रत करो, न कि पापी से। पापी के मन से पाप निकल जाएगा तो वह भी हमारे-आपके जैसा सामान्य इंसान ही होगा। और तमाम उदाहरणों से यह बात सही भी साबित होती है। निर्भया के अपराधियों में से एक तो अपने जघन्य अपराध पर इस कदर शर्मिंदा हुआ कि उसने कारागार में आत्महत्या ही कर ली। बहुत से और भी लोग हैं, जिनके मन में बहुत अधिक सुधार आया है।

लेकिन यहाँ सवाल एक “ज्ञानी” का है, एक “गुरु” का है। सोये हुओं को तो हम जगा सकते हैं, जो अज्ञान हैं, उन्हें तो ज्ञानी-जन रास्ता दिखा सकते हैं, सही राह पर ला सकते हैं। लेकिन स्वयं को पहले ही महाज्ञानी मान चुके लोगों को कौन रास्ता दिखाएगा? क्या वे कभी मान सकते हैं कि उन्होंने कुछ गलत किया? ऐसे में एक सवाल उठता है कि क्या “गुरु” का लिबास धारण करके बलात्कार जैसा घिनौना अपराध करने वाले लोग सुधरते हैं?

वे केवल बेशुमार धन-दौलत के स्वामी ही नहीं, सत्ता के भी बहुत करीब रहे हैं। पैसे और ताकत का एक अजब ही नशा होता है। कहते हैं, “Power corrupts. Absolute power corrupts absolutely” (यानी, सत्ता की ताकत भ्रष्ट करती है, और पूर्ण-सत्ता पूरी तरह से भ्रष्ट करती है)।

ऐसे में, क्या अपने रौब और रुतबे का फ़ायदा उठाते हुए वे खुद या उनके जैसे तमाम लोग अब ऐसे अपराध करना बंद कर देंगे?

और, एक सवाल जो मेरे मन को वर्षों से झकझोरता रहा है... आखिर वे माता-पिता कैसे होते हैं जो किसी व्यक्ति पर इतना भरोसा कर लेते हैं कि अपनी बेटियों को उनकी सेवा में समर्पित कर देते हैं?

क्या इस केस के बाद हमारे परिवारों के माता-पिता अब ऐसी गलतियाँ करने से बचेंगे? किसी पर अंधविश्वास करने से बचेंगे?

 

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आसाराम बापू जोधपुर कोर्ट द्वारा नाबालिग के बलात्कार के लिए दोषी सिद्ध।आसाराम बापू– कारागार में या सुधार गृह में?आज...

Posted by Garima Sanjay on Wednesday, April 25, 2018