आज बच्चों की बोर्ड परीक्षाओं के परिणाम आने थे। कथा और वचन को देखते ही दादी ने पूछा, ‘परीक्षाएँ कैसी…
धमाके से दूर-दूर तक का इलाक़ा हिल गया था। कहीं न कहीं तो चूक हुई थी कि आतंकवादी फिर से…
घनघोर काली, अंधेरी रात से काले पुते हुए कैनवास के सामने तूलिका थामे बैठी थी, कृति। अँधेरे कमरे में यदि…
भूमिका – जब हम ज़िद करते हैं कि सड़क के सारे कुत्तों को मारकर भगा दो, बिल्लियों को भगा दो,…
यद्यपि मन में थोड़ी उलझन रहती है कि जनवरी 2020 में प्रकाशित उपन्यास “ख़्वाहिशें अपनी-अपनी” के बाद से कोई नई…
वसंतोत्सव जब घने कोहरे को चीर सूरज चुपके से आँगन में उतरने लगता है, जब शीत से ठिठुरते पौधे फिर…
नेताजी सुभाष चंद्र बोस, जिन्होंने देश की पूर्ण स्वतंत्रता के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया। 125वीं जयंती पर…
घरौंदे… दीपावली की तैयारियों में मिली होती थी जब मिट्टी की ख़ुशबू… उस समय, दीपावली के काफ़ी पहले से दीपावली…
‘ये क्या हैं? रुई जैसे मुलायम… गुलाबी सपनों से मनोहारी… इतने बड़े लॉलीपॉप? रुई के लॉलीपॉप?’ मेरा बालमन उन रुई…
आओ, आज फिर से भारत गौरव गान करेंमातृभूमि के ऋण चुकाएँ, कुछ तो ऐसे काज करेंआज़ादी की कीमत समझें, बलिदानों…