कर्मण्येवाधिकारस्ते… आधुनिक संवाद

केरल में हथिनी की हत्या पर लीपापोती करते प्रशासन के प्रयास… केरल प्रशासन – हे माधव, यह सोचकर ही हमारे…

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अब मत मनाना पर्यावरण दिवस…

*** अभी लगभग डेढ़ साल पहले की ही तो बात है, जब अवनी बाघिन को मार दिया गया था… “Save…

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कलाकार कभी अकेला नहीं होता…

कलाकार कभी अकेला नहीं होता कभी श्वेत-श्याम तस्वीरें उकेरता…तो कभी तूलिकाओं के रंग बिखेरताकहीं सुरों को साज़ में ढालता…कभी घुंघरुओं…

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सहमे हुए लोग…

ज़िन्दगी थम गई है… जैसे बचपन में किसी ने स्टैच्यू बोल दिया हो जो जहां है, वहीं स्थिर रह गया…

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1983 क्रिकेट विश्व कप- कुछ यादें

1983 में कपिल देव की कप्तानी में भारत ने विश्व कप जीतकर भारतीय क्रिकेट की दुनिया में एक नया, अकल्पनीय…

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पिता (लघुकथा)

पिता बाबूजी की तबियत दिनों दिन बिगड़ती जा रही थी। हम सारे भाई-बहन लगभग रोज़ ही उनके पास होते। अभी…

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हैदराबाद पुलिस

हैदराबाद पुलिस– एक चर्चा मेरी नज़र से ————————————————- “बधाई हो, हैदराबाद पुलिस ने तो कमाल कर दिया!” “कमाल? यह असंवैधानिक…

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बाल दिवस – बचपन या केश?

आज बाल दिवस है… बाल मतलब? ज़ाहिर है, बच्चों का दिन! न कि, काले घने, सुनहरे, रुपहले केशों का दिन!…

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