मेरे शब्द, मेरी अभिव्यक्तियाँ

कुछ अनुभव, कुछ अनुभूतियाँ शब्दों में गुँथ गयीं…

अभिव्यक्तियाँ बन गयीं!

कुछ शब्द कागज़ पर कुछ यूं उतर गए…

जैसे सफ़ेद-स्याह सी ज़िन्दगी पर कुछ रंग बिखर गए।